उत्तरकाशी जनपद की झील और ताल
आज हम इस लेख में आपको Lake Taal Caves Glacier and Bugyal in Uttarkashi ( ग्लेशियर, गुफाएं, बुग्याल, झील और ताल) आदि के बारे में जानकारी देंगे।
- नचिकेता ताल उत्तरकाशी में है, ऐसा माना जाता है कि इस ताल का नाम उदलक के पुत्र नचिकेता के नाम पड़ा था।
- केदार ताल गंगोत्री के पास थलैया पर्वत श्रंखला पर स्थित है।
- फाचकंडी बयांताल उत्तरकाशी जनपद में गर्म पानी का ताल है अर्थात इस ताल का पानी उबलता रहता है।
- सरताल उत्तरकाशी जनपद के भटवाड़ी में स्थित है।
- रोही साडाताल एवं खिड़ाताल उत्तरकाशी में है।
- भराड़सरताल एवं लामाताल उत्तरकाशी में स्थित है।
- मंगलाछु ताल उत्तरकाशी जनपद में है इस ताल की खास बात यह है कि ताली बजाने पर बुलबुले उठते है।
- रुइंसारा ताल एवं देवसाड़ी ताल उत्तरकाशी जनपद में स्थित है।
- मन्दाकिनी झरना गंगनानी में स्थित सुरम्य प्रपात है।
डोडीताल
- डोडीताल छः कोनो वाला ताल है जो सुन्दर मछलियों के लिए प्रसिद्ध है इसके पास से भागीरथी की सहायक नदी अस्सी गंगा निकलती है।
- डोडीताल का नाम हिमालय ब्राउन ट्राउन प्रजाति की मछलियो के नाम पे रखा गया है। पौराणिक कथाओ के अनुसार डोडीताल को भगवान गणेश की जन्म भूमि मानी जाती है। यहाँ गणेश जी का एक मंदिर है।
- काणा ताल डोडीताल के समीप स्थित है।
उत्तरकाशी के हिमनद और ग्लेशियर
- गंगोत्री ग्लेशियर राज्य का सबसे बड़ा हिमनद है, जिसकी लम्बाई 30 किमी एवं चौड़ाई 2 किमी है।
- डोकरियानी हिमनद उत्तरकाशी में स्थित है।
- बन्दरपूँछ ग्लेशियर 12 किमी लम्बा हिमनद यमनोत्री उत्तरकाशी में है।
- कीर्ति ग्लेशियर, चतुरंगी ग्लेशियर एवं मेंदी ग्लेशियर उत्तरकाशी ग्लेशियर में स्थित है।
- चांग -थांग ग्लेशियर और रक्तवन ग्लेशियर उत्तरकाशी जिले में स्थित है।
- स्वछन्द ग्लेशियर उत्तरकाशी में स्थित 7 किमी लम्बा ग्लेशियर है।
- गनोहिम ग्लेशियर उत्तरकाशी जनपद में स्थित 6 किमी लम्बा ग्लेशियर है।
- ज्योंधार ग्लेशियर, सियार ग्लेशियर, चारण ग्लेशियर, बार्टीयाखो व बमक ग्लेशियर उत्तरकाशी की यमुना घाटी में स्थित है।
उत्तरकाशी जिले की प्रमुख गुफाएं
- प्रकटेश्वर गुफा उत्तरकाशी के ब्रह्मखाल में स्थित है।
- पांडव गुफा उत्तरकाशी के गंगोत्री में स्थित है।
- मातंग ऋषि गुफा उत्तरकाशी के मातली में स्थित है।
- श्रृंगी गुफा उत्तरकाशी के मोरी विकासखंड में स्थित है।
उत्तरकाशी जिले के बुग्याल/पयार
- केदारकांठा बुग्याल उत्तरकाशी में मखमली घास के लिए प्रसिद्ध है।
- गोमुख के समीप केदार खर्क नामक बुग्याल स्थित है।
- यमनोत्री के समीप देवदामिनी बुग्याल स्थित है।
- पुष्टहारा बुग्याल उत्तरकाशी के यमनोत्री क्षेत्र में स्थित है।
- चाईसील बुग्याल उत्तरकाशी व हिमांचल प्रदेश के बीच स्थित है।
- देवक्यारा बुग्याल को 2019 में ट्रैक ऑफ़ द ईयर चुना गया।
- रुपनौल सौड़ बुग्याल उत्तरकाशी जनपद में स्थित है।
- हनुमान चट्टी के निकट उत्तरकाशी में गुलाबी कांठा बुग्याल स्थित है।
- उत्तरकाशी के अन्य बुग्याल - कुश कल्याण, तपोवन बुग्याल, सोनगाड (छायागाड़) बुग्याल, मानेग बुग्याल, हर की दून आदि।
दयारा बुग्याल
- उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल में शीतकाल के दौरान स्कीइंग प्रशिक्षण होता है।
- दयारा बुग्याल को विश्वा मानचित्र में लाने का श्रेय पर्वतारोही चन्द्रप्रभा एतवाल को जाता है।
- शीतकाल में दयारा बुग्याल में मक्खन की होली उत्सव का आयोजन किया जाता है इसे अदूढी उत्सव कहते है।
- मक्खन की होली को विश्व भर में पहचान दिलाने में मुख्य भूमिका चन्दन सिंह राणा की रही है।
- दयारा बुग्याल के पास बकरी गांव पड़ता है।
उत्तरकाशी जनपद में कृषि व पशुपालन
- उत्तराखंड राज्य में सर्वाधिक सेब का उत्पादन उत्तरकाशी जनपद में होता है।
- राज्य में उत्पादित सेब को दिल्ली में न्यूजीलैंड ब्रांड नाम से एवं अन्य राज्यों में हिमांचली सेब के नाम से बेचा जाता है।
- उत्तरकाशी जनपद में अखरोट का उत्पादन भी किया जाता है।
- लाल चावल के उत्पादन के लिए सिराई घाटी रंवाई प्रसिद्ध है।
उत्तरकाशी जनपद के आश्रम
- कपिलमुनि आश्रम उत्तरकाशी जिले में स्थित है यहाँ यामुन शैली में बना हुआ कपिल मुनि का देवालय है।
- कपिल मुनि आश्रम के पास रामासिराई पट्टी है।
- शिवानंद कुटीर आश्रम नैताला में 1991 ई0 को स्थापित हुआ।
उत्तरकाशी जनपद में पर्यटन व धार्मिक स्थल
- जानकी चट्टी तथा हनुमान चट्टी यमनोत्री के पास स्थित पर्यटक स्थल है जो प्राचीन काल में यात्रा मार्ग में विश्रामालय था।
- हनुमान चट्टी का प्राचीन नाम वैखानस तीर्थ है।
- ओसला नामक पर्यटक स्थल उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक में स्थित है।
हर की दून
- हर की दून पर्यटक स्थल रंवाई क्षेत्र में सुपिन नदी के बेसिन में स्थित है।
- हर की दून क्षेत्र के ईष्ट देवता समसू है यहाँ समसू की पूजा दुर्योधन के रूप में होती है।
हर्षिल
- हर्षिल उत्तरकाशी जनपद में एक पर्यटक स्थल है इसे उत्तराखंड का मिनी स्विटज़रलैंड भी कहते है।
- हर्षिल का प्राचीन नाम हरि शिला है।
- हर्षिल क्षेत्र में सेब के बगान लगाने का श्रेय फ्रेडरिक विल्सन को जाता है।
- फ्रेडरिक विल्सन के नाम पर यहाँ सेब की एक विल्सन प्रजाति भी है।
- हर्षिल में आलू की खेती की शुरुवात भी फ्रेडरिक विल्सन ने की थी।
- स्थानीय निवासी विल्सन को पहाड़ी या राजा विल्सन कहते थे।
- विल्सन ने 1864 ई० को हर्षिल में विल्सन कॉटेज बनवाया था।
- हर्षिल एक छावनी शहर है और भागीरथी एवं जलंधरी नदी का संगम हर्षिल में होता है।
- हर्षिल क्षेत्र में भागीरथी तट पर 1818 ई० में बना लक्ष्मी नारायण मंदिर है।
- हर्षिल छिलके वाली राजमा दाल उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस लेख में मैंने आपको Lake Taal Caves Glacier and Bugyal in Uttarkashi ( ग्लेशियर, गुफाएं, बुग्याल, झील और ताल) आदि के बारे में जानकारी दी आशा है कि यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। आगे भी हमारे तमाम सभी लेखों में आपको उत्तराखंड की महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी इसलिए आप हमसे जुड़े रहे।
FAQ
Q हर्षिल क्षेत्र में सेब के बगान लगाने का श्रेय किसको जाता है ?
Ans हर्षिल क्षेत्र में सेब के बगान लगाने का श्रेय फ्रेडरिक विल्सन को जाता है।
Q हनुमान चट्टी का प्राचीन नाम क्या है ?
Ans हनुमान चट्टी का प्राचीन नाम वैखानस तीर्थ है।
Q शिवानंद कुटीर आश्रम नैताला में कब को स्थापित हुआ ?
Ans शिवानंद कुटीर आश्रम नैताला में 1991 ई0 को स्थापित हुआ।
Q उत्तराखंड राज्य में सर्वाधिक सेब का उत्पादन किस जनपद में होता है ?
Ans उत्तराखंड राज्य में सर्वाधिक सेब का उत्पादन उत्तरकाशी जनपद में होता है।
Q दयारा बुग्याल को विश्वा मानचित्र में लाने का श्रेय किस पर्वतारोही को जाता है ?
Ans दयारा बुग्याल को विश्वा मानचित्र में लाने का श्रेय पर्वतारोही चन्द्रप्रभा एतवाल को जाता है।
Q केदारकांठा बुग्याल उत्तरकाशी में क्यों प्रसिद्ध है ?
Ans केदारकांठा बुग्याल उत्तरकाशी में मखमली घास के लिए प्रसिद्ध है।
Q प्रकटेश्वर गुफा उत्तरकाशी में कहाँ स्थित है ?
Ans प्रकटेश्वर गुफा उत्तरकाशी के ब्रह्मखाल में स्थित है।
Q राज्य का सबसे बड़ा हिमनद कौन - सा है और उसकी लम्बाई एवं चौड़ाई कितने किमी है ?
Ans गंगोत्री ग्लेशियर राज्य का सबसे बड़ा हिमनद है, जिसकी लम्बाई 30 किमी एवं चौड़ाई 2 किमी है।
Q नचिकेता ताल कहाँ है और इस ताल का नाम किसके नाम पर पड़ा था ?
Ans नचिकेता ताल उत्तरकाशी में है, ऐसा माना जाता है कि इस ताल का नाम उदलक के पुत्र नचिकेता के नाम पड़ा था।
Q भराड़सरताल एवं लामाताल कहाँ स्थित है ?
Ans भराड़सरताल एवं लामाताल उत्तरकाशी में स्थित है।
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