जनपद उत्तरकाशी
आज हम इस लेख में आपको Parvat Kund Valleys and Passes in Uttarkashi आदि के बारे में जानकारी देंगे।
Uttarkashi
- उत्तरकाशी जनपद की स्थापना 24 फ़रवरी 1960 में हुयी।
- उत्तरकाशी का प्राचीन नाम बाड़ाहाट है।
- पुराणों में उत्तरकाशी को सौम्यकाशी कहा गया है।
- ह्ववेनसांग ने उत्तरकाशी के लिए शत्रुघन कहा है।
- विश्वनाथ मंदिर के कारण इसका जनपद का नाम उत्तरकाशी पड़ा है।
- पुरोला देवढूँगा, से कुणिंद शासक अमोघभूति की यज्ञ वेदिका प्राप्त हुयी थी।
- उत्तरकाशी जनपद परमार वंश या पंवार वंश के अधीन रहा है लेकिन 1803 ई० से 1815 ई० तक गोरखों के अधीन रहा।
- गढ़वाल में 1803 ई० में आए भूकम्प के कारण भागीरथी नदी ने अपनी धार बदली थी।
- रवांई क्षेत्र को 1824 ई० में टिहरी रियासत में शामिल किया गया।
- 30 मई 1930 ई० की घटना रवांई क्षेत्र में हुयी जिसे तिलाड़ी कांड के नाम से जाना जाता है।
- तिलाड़ी कांड को उत्तराखंड का जलियावाला बाग हत्याकांड के नाम से भी जाना जाता है।
उत्तरकाशी जनपद की प्रशासनिक वयवस्था
- उत्तरकाशी जनपद की कुल जनसँख्या - 3,30,086
- उत्तरकाशी जनपद की दशकीय वृद्धि दर - 11.89 %
- उत्तरकाशी जनपद की जनसँख्या का जनसँख्या घनत्व - 41
- उत्तरकाशी जनपद का लिंगानुपात - 958
- उत्तरकाशी जनपद की कुल साक्षरता - 75.81 %
- उत्तरकाशी जनपद की महिला साक्षरता - 88.79 %
- उत्तरकाशी जनपद के पुरुषो की साक्षरता - 88.79 %
- उत्तरकाशी जनपद में कुल तहसीले - 06
- उत्तरकाशी जनपद में उपतहसील - 02
- उत्तरकाशी जनपद में विकासखण्ड(ब्लॉक) - 06
- उत्तरकाशी जनपद विधानसभा क्षेत्र - 03
- उत्तरकाशी जनपद में नगरपालिका - 02
उत्तरकाशी जनपद की भौगोलिक स्थित
- उत्तरकाशी जनपद उत्तरखंड राज्य का सबसे उत्तरी जिला है।
- उत्तरकाशी जनपद मध्य हिमालय व उच्च हिमालय क्षेत्र में स्थित है।
- उत्तरकाशी जिले का कुल क्षेत्रफल 8016 वर्ग किलोमीटर है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा जनपद चमोली (8030 वर्ग किलोमीटर) है जिसमे उत्तरकाशी जनपद दूसरा सबसे बड़ा जनपद है।
- उत्तरकाशी वरुणावत पर्वत की तलहटी में भागीरथी नदी के किनारे बसा हुआ है।
- उत्तरकाशी जनपद की सीमाएँ चीन तथा हिमाँचल प्रदेश के दो जनपद किन्नौर एवं शिमला की सीमा उत्तरकाशी से मिलती है।
- उत्तरकाशी से 4 जिलों की सीमाएँ लगती है जो देहरादून, टिहरी, रुद्रप्रयाग व चमोली है।
- रक्तवन व सुंदरवन गोमुख के तपोवन में स्थित है।
- उत्तरकाशी लघु या मध्य हिमालय एवं उच्च या बृहद हिमालय में पड़ता है।
उत्तरकाशी जनपद में दर्रे
- उत्तरकाशी और हिमांचल प्रदेश के बीच श्रृंगकंठ दर्रा है श्रृंगकंठ दर्रा 1500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
- उत्तरकाशी जनपद और चमोली जनपद के बीच कालिंदी दर्रा है।
- उत्तरकशी और तिब्बत के बीच थांगला दर्रा है जो एक संकरा मार्ग है थांगला दर्रा 6,079 मी० की ऊँचाई पर स्थित है।
- नेलंग दर्रा उत्तरकाशी जनपद और तिब्बत के बीच पड़ता है।
- मुलिंगला दर्रा तथा सागचोकला दर्रा उत्तरकाशी जनपद से तिब्बत के बीच संकरा मार्ग है।
- बरासू दर्रा हरकी दून व किन्नौर घाटी के बीच प्राचीन व्यापार मार्ग था।
- बाली पास उत्तरकाशी जनपद के यमनोत्री में स्थित है।
- ऑडेन कार्ल दर्रा उत्तरकाशी जनपद से भिलंगना घाटी के लिए मार्ग जाता है।
उत्तरकाशी जनपद की घाटियाँ
- भैरव घाटी उत्तरकाशी के भटवाड़ी में स्थित है।
- रवाई के हर की दून क्षेत्र में बारसू घाटी है।
- मांझी वन फूलों की घाटी उत्तरकाशी में स्थित है।
- उत्तरकाशी जिले के नेलांग घाटी को पहाड़ का रेगिस्तान कहते है।
- नेलांग घाटी को उत्तराखंड का लद्दाख भी कहा जाता है।
- बासपा घाटी हर्षिल उत्तरकाशी में है।
उत्तरकाशी जिले में पर्वत श्रेणी
- कलिंग पर्वत बन्दर पूँछ पर्वत श्रेणी का हिस्सा है जबकि बन्दर पूँछ तीन हिमनद श्रीकंठ, बन्दर पूँछ और यमनोत्री कांठा का समूहिक नाम है।
- स्वर्गारोहिणी पर्वत चमोली एवं उत्तरकाशी में पड़ता है, इसकी ऊँचाई 5252 मीटर है।
- मेरु पर्वत थलैया शिखर व शिवलिंग शिखर के बीच में स्थित है।
- उत्तरकाशी का शिवलिंग शिखर स्विस आल्पस पर्वत के प्रसिद्ध अल्पाइन शिखर के समान है।
- शिवलिंग शिखर को हिमालय का मैटर हॉर्न भी कहा जाता है।
- फ़तेह पर्वत के नजदीक यमनोत्री क्षेत्र में हर की दून है।
- भैरोंझाप पहाड़ उत्तरकाशी में स्थित है।
- राड़ी का डांडा बड़कोट और द्रोपदी का डांडा उत्तरकाशी में स्थित है।
- जोगिन चोटी उत्तरकाशी जनपद में स्थित है।
उत्तरकाशी के प्रमुख पर्वत
पर्वत शिखर | ऊँचाई | पर्वत शिखर | ऊँचाई |
भागीरथी पर्वत | 6,856 मीटर | श्रीकंठ पर्वत | 6,728 मीटर |
गंगोत्री पर्वत | 6,672 मीटर | यमनोत्री पर्वत | 6,400 मीटर |
बन्दर पूँछ पर्वत | 6,320 मीटर | जैलंग पर्वत | 5,871 मीटर |
मेरु पर्वत | 6,660 मीटर | सुमेरु पर्वत | 6,350 मीटर |
खुन्टा पर्वत | - | त्रिमुखी पर्वत | - |
श्रीकांत पर्वत | - | भृगु पर्वत | - |
कीर्ति स्तम्भ पर्वत | - | थैलू पर्वत | - |
सुदर्शन पर्वत | 6,507 मीटर | वासुकी पर्वत | - |
कोटेश्वर पर्वत | - | थलैया पर्वत | 6,904 मीटर |
उत्तरकाशी के गर्म एवं ठन्डे कुण्ड
- तप्त या गर्मकुण्ड यमनोत्री में गरमपानी का कुण्ड है।
- गंगनानी गंगोत्री क्षेत्र में गरमपानी का कुण्ड है इसमें गंधक की मात्रा पायी जाती है।
- देव कुण्ड भागीरथी नदी में ठण्डे पानी का कुण्ड है।
- सप्तऋषि कुण्ड उत्तरकाशी के यमनोत्री में स्थित है, जिसे पुराणों में मलिंग सरोवर कहा गया है।
Conclusion
इस लेख में मैंने आपको Parvat Kund Valleys and Passes in Uttarkashi (पर्वत, घाटियाँ, दर्रे, गर्म एवं ठन्डे कुण्ड) आदि के बारे में जानकारी दी आशा है कि यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। आगे भी हमारे तमाम सभी लेखों में आपको उत्तराखंड की महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी इसलिए आप हमसे जुड़े रहे।
FAQ
Q उत्तरकाशी जिले की स्थापना कब हुयी ?
Ans उत्तरकाशी जनपद की स्थापना 24 फ़रवरी 1960 में हुयी।
Q उत्तरकाशी जनपद का प्राचीन नाम क्या है ?
Ans उत्तरकाशी का प्राचीन नाम बाड़ाहाट है।
Q उत्तरकाशी जनपद का कुल क्षेत्रफल कितना है ?
Ans उत्तरकाशी जिले का कुल क्षेत्रफल 8016 वर्ग किलोमीटर है।
Q उत्तरकाशी किस नदी के किनारे बसा हुआ है ?
Ans उत्तरकाशी वरुणावत पर्वत की तलहटी में भागीरथी नदी के किनारे बसा हुआ है।
Q उत्तरकाशी में श्रृंगकंठ दर्रा किसके बीच स्थित है और इसकी ऊँचाई कितनी है ?
Ans उत्तरकाशी और हिमांचल प्रदेश के बीच श्रृंगकंठ दर्रा है श्रृंगकंठ दर्रा 1500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
Q मांझी वन फूलों की घाटी कहाँ स्थित है ?
Ans मांझी वन फूलों की घाटी उत्तरकाशी में स्थित है।
Q स्वर्गारोहिणी पर्वत किन -किन जिलों के बीच में पड़ता है, और इसकी ऊँचाई क्या है ?
Ans स्वर्गारोहिणी पर्वत चमोली एवं उत्तरकाशी में पड़ता है, इसकी ऊँचाई 5252 मीटर है।
Q भागीरथी पर्वत की ऊँचाई कितनी है ?
Ans भागीरथी पर्वत की ऊँचाई 6,856 मीटर है।
Q सप्तऋषि कुण्ड कहाँ स्थित है, और इसे पुराणों में क्या कहा गया है ?
Ans सप्तऋषि कुण्ड उत्तरकाशी के यमनोत्री में स्थित है, जिसे पुराणों में मलिंग सरोवर कहा गया है।
0 Comments