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State Flower and State Tree of Uttarakhand - राज्य का पुष्प और राज्य वृक्ष बुराँश

 उत्तराखंड राज्य का पुष्प - ब्रह्मकमल

आज हम इस लेख में आपको State Flower and State Tree of Uttarakhand आदि के बारे में जानकारी देंगे। 

State Flower and State Tree of Uttarakhand
State Flower and State Tree of Uttarakhand


  • ब्रह्मकमल राज्य के हिमालय क्षेत्रों में 4800 मीटर से 6000 मीटर की ऊंचाई पर मिलते है।
  • ब्रह्मकमल का फूल ऐसटेरसी कुल का पौधा है।
  • ब्रह्मकमल का वैज्ञानिक नाम सोसूरिया अबबेलेटा है।
  • ब्रह्मकमल की अन्य प्रजाति फेनकमल व कस्तूरा कमल राज्यों में मिलते है, फेनकमल राज्य में सर्वाधिक ऊँचाई पर मिलता है जिसका वैज्ञानिक नाम सोसोरिया ग्रार्मीनिफोलिया है।
  • ब्रह्मकमल का स्थानीय नाम कौल पदम् है।
  • महाभारत के वन पर्व में ब्रह्मकमल को सौगन्धिक पुष्प कहा गया है तथा नेपाल में ब्रह्मकमल को टोपगोला कहा गया है।
  • हिमांचल प्रदेश में ब्रह्मकमल को दूधाफूल कहा गया है।
  • कश्मीर में ब्रह्मकमल को गलगल कहा जाता है।
  • ब्रह्मकमल की विश्व में 210 प्रजाति  राज्य में 24 प्रजातियाँ पायी जाती है।
  • ब्रह्मकमल राज्य की फूलो की घाटीकेदारनाथ  पिण्डर हिमनद आदि क्षेत्रों में बहुतायत में मिलते है।
  • ब्रह्मकमल माँ नंदा का प्रिय पुष्प है और नंदाष्टमी को तोड़े जाने का महत्व है।
  • ब्रह्मकमल को हिमालयी पुष्पों का सम्राट भी कहा जाता है।

ब्रह्मकमल की विशेषताएं -

State Flower and State Tree of Uttarakhand
State Flower of Uttarakhand 


  • ब्रह्मकमल बैंगनी रंग का होता है।
  • ब्रह्मकमल पौधे की ऊंचाई 70 से 80 सेंटीमीटर की होती है।
  • ब्रह्मकमल के फूल का खिलने का समय जुलाई से सितम्बर होता है।
  • ब्रह्मकमल के पौधे पर एक वर्ष में केवल एक ही पुष्प होता है।
  • ब्रह्मकमल का पुष्प अर्द्धरात्रि को खिलता है।
  • ब्रह्मकमल पौधे की जड़ो को पीसकर हड्ड़ी के उपचार में प्रयोग किया जाता है।

उत्तराखंड का राज्य वृक्ष बुराँश

State Flower and State Tree of Uttarakhand
State Flower and State Tree of Uttarakhand

  • बुराँश वृक्ष हिमालयी क्षेत्रों में 1500 - 4000 मीटर की मध्यम ऊँचाई पर पाया जाने वाला सदाबहार वृक्ष है। इसका वानस्पतिक नाम रोडोडेंड्रोन अरबोरियम है।
  • बुराँश एरिकेसिई कुल का वृक्ष है इसे हिमांचल प्रदेश में बुराँशो कहते है और कन्नड़ में बुराँश को बिली कहा जाता है।
  • बुराँश उत्तराखंड का राज्य वृक्ष तथा बुराँश नेपाल का राष्ट्रीय पुष्प हैजहाँ बुराँश को गुराँश कहा जाता है।
  • बुराँश हिमाँचल प्रदेश तथा नागालैंड का राज्य वृक्ष भी है।
  • मेघालय में बुराँश को तिन - शॉ कहा जाता है।
  • भारत में बुराँश की 87 प्रजाति पायी जाती है। वैसे बुराँश की लगभग 300 प्रजाति उत्तरी गोलार्द्ध की ठण्डी जगह में पायी जाती है।
  • भारत में सर्वप्रथम बुराँश की रोडोडेंड्रोन अरबोरियम प्रजाति की खोज जम्मू - श्रीनगर में हुई थी।
  • बुराँश के अवैध कटान के कारण वन अधिनियम 1974 में इसे संरक्षित वृक्ष घोषित किया गया।
  • बुराँश के फूलों से खाद्य पदार्थ जैसे जैमजैली और जूस बनाया जाता है। इसका जूस अत्यन्त लाभकारी और स्वादिष्ट होता है इसकी पतियों की सब्जी भी बनायीं जाती है।
  • बुराँश को दवाई के रूप में भी प्रयोग किय जाता है बुराँश की पतियों से लेप बनाया जाता है जिससे सिरदर्दमांसपेशियों का दर्द दूर होता है और स्वास जैसे बीमारी में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
  • सफ़ेद बुराँश को दिल और पेट की बीमारियों के लिए रामबाण माना जाता है। सफ़ेद बुराँश में औषधीय एवं लाभकारी गुण होते है।


बुराँश के वृक्ष की विशेषताएँ

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State Tree of Uttarakhand

  • बुराँश के फूलों का रंग चटक लाल होता हैसफ़ेद बुराँश 11,000 फ़ीट की ऊँचाई पर पाया जाता है।
  • बुराँश के फूल खिलने का समय फ़रवरी से अप्रैल तक होता है।
  • बुराँश के पुष्प में मिथेनॉल होता हैजो डायबिटीज के लिए फायदेमंद होता है।
  • बुराँश के वृक्ष को वन अधिनियम 1974 के तहत इसे संरक्षित वृक्ष घोषित किया गया है।
  • बुराँश में कई औषधीय गुण भी पाए जाते है जो अत्यन्त लाभकारी होते है।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस लेख में मैंने आपको State Flower and State Tree of Uttarakhand आदि के बारे में जानकारी दी आशा है कि यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। आगे भी हमारे तमाम सभी लेखों में आपको उत्तराखंड की महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी इसलिए आप हमसे जुड़े रहे। 

FAQ

Q. ब्रह्मकमल का वैज्ञानिक नाम क्या है ?


Ans. ब्रह्मकमल का वैज्ञानिक नाम सोसूरिया अबबेलेटा है।


Q. ब्रह्मकमल का स्थानीय नाम क्या है ?


Ans. ब्रह्मकमल का स्थानीय नाम कौल पदम् है।


Q. ब्रह्मकमल की उत्तराखंड राज्य में कितनी प्रजातियाँ पायी जाती है ?


Ans. ब्रह्मकमल की विश्व में 210 प्रजाति  उत्तराखंड राज्य में 24 प्रजातियाँ पायी जाती है।


Q. ब्रह्मकमल के पौधे की जड़ो को पीसकर किसके उपचार में प्रयोग किया जाता है?


Ans. ब्रह्मकमल पौधे की जड़ो को पीसकर हड्ड़ी के उपचार में प्रयोग किया जाता है।


Q. उत्तराखंड का राज्य वृक्ष कौन सा है ?


Ans. उत्तराखंड का राज्य वृक्ष बुराँश है यह वृक्ष लगभग 1500 से 4000 की ऊँचाई पर मिलने वाला सदाबहार वृक्ष है।       

Q. बुराँश वृक्ष का वैज्ञानिक नाम क्या है ?


Ans. बुराँश वृक्ष का वैज्ञानिक नाम रोडोडेंड्रोन अरबोरियम है।


Q. बुराँश वृक्ष उत्तराखंड के अलावा किस राज्य का राज्य वृक्ष है ?


Ans. उत्तराखंड के अलावा बुराँश वृक्ष हिमाँचल प्रदेश और नागालैंड का राज्य वृक्ष है।


Q. सफ़ेद बुराँश कितनी ऊँचाई पर पाये जाते है ?


Ans. सफ़ेद बुराँश लगभग 11,000 फीट की ऊँचाई पर पाये जाते है।


Q. बुराँश वृक्ष को किस अधिनियम के तहत संरक्षित किया गया है ?


Ans. बुराँश वृक्ष को वन अधिनियम 1974 के तहत संरक्षित वृक्ष घोषित किया गया है।


Q. भारत में बुराँश की कितनी प्रजातियाँ पायी जाती है ?


Ans. भारत में बुराँश की लगभग 87 प्रजातियाँ पायी जाती है और उत्तरी गोलार्द्ध की ठण्डी जगह पर बुराँश की लगभग 300 प्रजातियाँ पायी जाती है।
 

Q. मेघालय में बुराँश को क्या कहा जाता है ?


Ans. मेघालय में बुराँश को तिन - शॉ कहा जाता है।


Q. कन्नड़ में बुराँश को क्या कहा जाता है ?


Ans. कन्नड़ में बुराँश को बिली कहा जाता है। 


Q. बुराँश के पुष्प में क्या होता है ?


Ans. बुराँश के वृक्ष में मिथेनॉल होता है जो डायबिटीज में फायदेमंद होता है।


Q. बुराँश किस कुल का वृक्ष है ?


Ans. बुराँश एरिकेसिई कुल का वृक्ष है।



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