उत्तराखंड का राज्य पक्षी - मोनाल
आज हम इस लेख में आपको Uttarakhand State Bird Butterfly and Language आदि के बारे में जानकारी देंगे।
Uttarakhand State Bird Butterfly and Language
- मोनाल को हिमालय का मयूर कहा जाता है।
- मोनाल पक्षी उत्तराखंड राज्य के 2500 - 5000 मीटर की ऊँचाई वाले क्षेत्रों में मिलते है।
- मोनाल पक्षी का वैज्ञानिक नाम लोफोफोरस इंपीजेनस है।
- मोनाल फैजेंड परिवार का पक्षी है और राज्य में मोनाल की चार प्रजातियाँ पायी जाती है।
- उत्तराखंड के साथ - साथ मोनाल पक्षी नेपाल का भी राष्ट्रीय पक्षी है।
- मोनाल को स्थानीय भाषा में मन्याल व मुनाल कहा जाता है।
- कश्मीर में मोनाल को सुनाल व हिमाँचल प्रदेश में निलेगुरु तथा सिक्किम में मोनाल पक्षी को चामदौंग कहते है।
- डफिया मोनाल परिवार से सम्बंधित पक्षी है।
- मोनाल के लिए भूटान में बुप व नेपाल में डंगन कहते है।
- राज्य के अलावा मोनाल असम, कश्मीर, हिमाँचल, व नेपाल में पाए जाते है।
- भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, तिब्बत,चीन तथा म्यांमार में मोनाल पक्षी 6000 से 14000 फीट की ऊँचाई पर प्रवास करते है और मध्यम आकार के इस खूबसूरत पक्षी का आकार 24 से 29 इंच तक होता है।
मोनाल पक्षी की विशेषताएँ
Uttarakhand State Bird Monal
- मोनाल पक्षी अन्य पक्षियों की भाँति घोसला नहीं बनाती है।
- नर मोनाल के सिर पर मोर पक्षी की भाँति कलगी होती है।
- मोनाल पक्षी में प्रजनन क्रिया साल में दो बार होती है।
- मोनाल पक्षी का प्रिय भोजन आलू की फसल है।
- वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मोनाल पक्षी को संरक्षित किया गया है।
- सर्वाधिक मात्रा में मोनाल पक्षी राज्य के केदारघाटी में पाये जाते है।
- राज्य के वन्य जीव संरक्षण बोर्ड में पहली बार 2008 में मोनाल की गणना करायी गयी थी और 2008 तक राज्य में कुल मोनालों की संख्या 919 थी।
राज्य तितली कॉमन पिकॉक
- 7 नवंबर 2016 को कॉमन पिकॉक या लोग मोर को राज्य तितली घोषित किया गया।
- कॉमन पिकॉक हिमालयी क्षेत्रों में 7000 फ़ीट की ऊँचाई पर पायी जाती है।
- कॉमन पिकॉक का वैज्ञानिक नाम पैपिलियों बायनर है।
- 1996 में लिम्का बुक में कॉमन पिकॉक को भारत की सबसे सुन्दर तितली का ख़िताब दिया गया।
- कॉमन पिकॉक टिमरू के पेड़ पर अण्डे देती है और उसी की पतियाँ खाती है।
- 2016 में देहरादून के लच्छीवाला में बटरफ्लाई पार्क खोला गया।
- कॉमन पिकॉक का जीवन काल 30 से 35 दिन का होता है।
- भारत की सबसे बड़ी तितली ट्रोईडेस डीडीहाट में मिली जिसे गोल्डन बर्ड बिंग भी कहा जाता है।
उत्तराखंड का वाद्ययंत्र ढ़ोल
- भण्डारी कमेटी की सिफारिश पर तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 2015 में ढ़ोल को राज्य वाद्ययंत्र घोषित किया।
- ढ़ोल एक प्राचीन वाद्ययंत्र है जिसको ताँबे, पीतल व चाँदी की धातु पर बकरी की खाल लगाकर बनाया जाता है।
- ढ़ोल से 22 तरह के ताल बजाये जाते है।
- ढ़ोल से नौबत या निमती, रहमानी, बढ़ै आदि ताल बजाये जाते है।
- नौबत प्रातः काल में औजी जाति के लोग 22 पड़ताल में बजाते है।
- मांगलिक कार्य शुरू करने से पहले बढ़ै ताल बजाया जाता है।
- राज्य में एक मात्र ढ़ोल सागर के ज्ञाता उत्तम दास है।
उत्तराखंड का राज्य खेल और भाषा
- उत्तराखंड राज्य का राज्य खेल फुटबॉल है इसे 2011 में राज्य खेल घोषित किया गया था।
- उत्तराखंड राज्य की राज भाषा हिंदी है तथा दूसरी भाषा संस्कृत है।
- संस्कृत को उत्तराखंड की दूसरी राज भाषा 2010 में घोषित किया गया।
Conclusion
इस लेख में मैंने आपको Uttarakhand State Bird, Butterfly and Language आदि के बारे में जानकारी दी आशा है कि यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। आगे भी हमारे तमाम सभी लेखों में आपको उत्तराखंड की महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी इसलिए आप हमसे जुड़े रहे।
FAQ
Q मोनाल पक्षी की विशेषता क्या है ?
Ans मोनाल पक्षी की विशेषता है कि यह पक्षी अन्य पक्षियों की भाँति घोसला नहीं बनाती।
Q मोनाल पक्षी का प्रिय भोजन क्या है ?
Ans मोनाल पक्षी का प्रिय भोजन आलू की फसल है।
Q मोनाल पक्षी किस वन्य जीव संरक्षण के अन्तर्गत संरक्षित है ?
Ans मोनाल पक्षी वन्य जीव संरक्षण 1972 के अंतर्गत संरक्षित है।
Q मोनाल पक्षी का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
Ans मोनाल पक्षी का वैज्ञानिक नाम लोफोफोरस इंपीजेनस है।
Q उत्तराखंड राज्य में मोनाल पक्षी की कितनी प्रजातियाँ पायी जाती है ?
Ans उत्तराखंड राज्य में मोनाल पक्षी की चार प्रजातियाँ पायी जाती है।
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